The Single Best Strategy To Use For संघर्ष हौसला पर शायरी

बंद लगी होने खुलते ही मेरी जीवन-मधुशाला।।६६।



पेड़ों में नई पत्तियाँ इठला के फूटेंगी

बड़े बड़े पिरवार मिटें यों, एक न हो रोनेवाला,

विश्वविजयिनी बनकर जग में आई मेरी मधुशाला।।२४।

आज सजीव बना लो, प्रेयसी, अपने अधरों का प्याला,

एकता मिटटी ने की तो इंट बनी, इंट ने की तो दिवार बनी, दिवार ने की तो घर बना, ये सब बेजान चीजें है, ये जब एक हो सकते है तो हम तो इन्सान ‍ ‍ ‍ है !!

बनी रहे वह मिटटी जिससे बनता है मधु का प्याला,

बेलि, विटप, तृण बन मैं पीऊँ, वर्षा ऋतु हो मधुशाला।।३०।

क्षीण, क्षुद्र, क्षणभंगुर, दुर्बल मानव मिटटी का प्याला,

कवि साकी बनकर आया है भरकर कविता का प्याला,

कभी न सुन पड़ता, 'इसने, हा, छू दी मेरी हाला',

भावुकता अंगूर लता से खींच Hindi Poetry कल्पना की हाला,

जलने से भयभीत न जो हो, आए मेरी मधुशाला।।१५।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *